Lectures for intellectual-spiritual development of MPS students | एमपीएस स्टूडेंट्स के…

महेश पब्लिक स्कूल में व्याख्यान देने पहुंचे अक्षरधाम के स्वामी ज्ञान नयन।
जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड प्रथम पुलिया के निकट स्थित महेश पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उन्हें अध्यात्म से भी परिचित करवाने के उद्देश्य से एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जोधपुर के
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स्वामी ज्ञाननयन अक्षरधाम में भव्य शताब्दी समारोह के आयोजक भी हैं और रामायण, महाभारत, भगवद्गीता समेत अनेक पुस्तकों, लेखों व परिसंवादों के प्रतिष्ठित लेखक के रूप में भी उनके योगदान को सराहा जाता है।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए संत ज्ञाननयन स्वामीजी ने भारतीय संस्कृति की अलौकिकता, पुनर्जन्म, आत्मा, परमात्मा, मोक्ष और आत्मज्ञान का मर्म सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने बताया कि इन सभी का मूल सार मानवता में निहित है और अपने जीवन को सार्थक बनाना स्वयं हमारे हाथ में है। उन्होंने विद्यार्थियों को मोबाइल की बढ़ती लत और उसके दुष्परिणामों के विषय में भी जागरूक किया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे मोबाइल का उपयोग आवश्यकता तक ही सीमित रखें तथा अपने समय का सदुपयोग सृजन व बुद्धि के विकास में करें।
कार्यक्रम की सराहना करते हुए महेश शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष अशोक पुगलिया ने कहा कि साधु-संतों के ज्ञानवर्धक और मर्म स्पर्शी प्रवचनों से मन को शांति मिलती है और यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक है।
संस्थान के मानद सचिव हरिगोपाल राठी ने विद्यालय परिसर में ऐसे आयोजन को आवश्यक बताते हुए इसे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण का अहम हिस्सा बताया। कोषाध्यक्ष एवं महेश पब्लिक स्कूल के चेयरमैन कैलाश मोदी ने कहा कि स्वामीजी की वाणी से विद्यार्थियों की सोच और मन को सकारात्मक दिशा प्राप्त हुई है।
प्राचार्या पुनीता बोहरा ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि बौद्धिक विकास में शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ संतों की पावन वाणी, आध्यात्मिक और लौकिक ज्ञान, तथा सात्विक जीवनशैली विद्यार्थियों को ‘सादा जीवन उच्च विचार’, ‘विश्व बंधुत्व’ और ‘सर्वधर्म समभाव’ जैसी मूल्यों की ओर प्रेरित करती है।
इस खास आयोजन से विद्यार्थियों में उत्साह एवं नयी सोच का संचार हुआ और उन्होंने भारतीय संस्कृति, जीवन मूल्य व अध्यात्म के प्रति गहरी जिज्ञासा व्यक्त की।




